कृष्ण बिहारी 'नूर' वाक्य
उच्चारण: [ kerisen bihaari 'nur' ]
उदाहरण वाक्य
- एक गज़ल उस पे लिखूँ / कृष्ण बिहारी 'नूर'
- Rohit Jain wrote 6 months ago: कुछ दिन पहले कृष्ण बिहारी 'नूर' साहब का एक शेर पढ़ा.
- स्व. कृष्ण बिहारी 'नूर' के कर कमलों से प्रथम काव्य संकलन 'लोकतंत्र का मकबरा' का लखनऊ में विमोचन, श्री नाथद्वारा में श्री नरेंद्र कोहली व् मुख्य पुजारी जी, जयपुर में राजस्थान के मुख्यमंत्री स्व.
- और हम सभी कितने भी बड़े हो जाएँ, कितनी भी तरक्की कर लें, लेकिन हम सभी के लिए कृष्ण बिहारी 'नूर' साहब का ये शेर जरूर प्रासंगिक लगेगा;उजाले जश्न-ए-बहारों के बहुत हैं लेकिनअंधेरे बीती हुई शब के याद आते हैं[समाप्त]
- जाते-जाते दो शे ' र अर्ज़ किए जाता हूँ, कृष्ण बिहारी 'नूर' साहब के-अब ये आलम है कि हाथों से छुपाए हूँ लहू मैंने जो पत्थर उछाला था-उसी ने सर छुआ और मैं तो छोटा हूँ, झुका दूँगा कभी भी अपना सर सब बड़े ये तय तो कर लें कौन है सबसे बड़ा!